कुछ उसका भी हक़ अदा कर दो तुम घर पर, जिसने अपना घर छोड़ा तुम्हारा घर बसाने को !!
अक्सर शादी शुदा लोगों को यह कहते हुए सुना जाता है कि मैं तो शादी करके फंस गया यार....पर तू इस सब में मत फंसना। बातबात पर रोक-टोक,शक करना, पड़ोसी से भी बात नहीं कर सकते अपने मन से कुछ नहीं कर सकते बाहर से आने में थोड़ी देर हो जाये तो पूछताछ चालू मतलब सारी आजादी खत्म।..और इसी बात को लेकर ना जाने कितने ही चुटकुले बन चुके हैं जिसे हर कोई बड़े मजे लेकर सुनता और सुनाता है! अब तो ‘शादी का लड्डू जो खाए वो पछताए जो न खाए वो भी पछताए’ एक कहावत ही बन गई है जिसका अर्थ बताने की आवश्यकता नहीं!
लेकिन यह सब सुनकर मन में प्रश्न उठता है कि यदि यह सब सही है तो पत्नियों के बारे में ये सब जानने के बाद भी लोग शादी क्यों करते हैं? ये सब कहने वाले शायद पत्नी की अहमियत नहीं पहचानते इसलिए ऐसा कहते हैं। वे ये नहीं समझते एक लड़की, एक बेटी, अपना घर छोड़कर जब आपके घर आपकी पत्नी, घर की बहू बनकर आती है तो उसका तो पूरा जीवन ही बदल जाता। उसके लिए एकदम नये परिवेश में अपने आप को ढालना और लोगों की इच्छाओं पर खरा उतरने की चुनौती को पूरा कर पाना कितना कठिन होता होगा। फिर भी वह पूरा घर संभालती है,आपके सारे रिश्ते नातों को अपनाकर उनका ध्यान रखती है आपकी हर छोटी बड़ी चीज को संभालती है। वह अपना सारा जीवन आपको संमर्पित कर देती है और बदले में क्या चाहती बस थोड़ा सा प्यार और सम्मान। यदि वह भी नहीं मिलता है तो भी वह अपने कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटती है। पर अफसोस होता है एक लड़की विवाह होते ही आपकी हो जाती है पर पति को अपनी पत्नी को अपना समझने में सालों लग जाते हैं कभी-कभी उम्र निकल जाती है और पत्नी पराये घर की ही रहती है।
आप सोचकर देखें बिना पत्नी के घर की कल्पना नहीं की जा सकती। एक पत्नी ही संतान का सुख देकर आपका घर रोशन करती है और आपको पिता कहलाने का सुख देती है। सभी संबंधों को जोडकर रखती है। यही नहीं आपको अकेलेपन का कभी एहसास नहीं होने देती। वह कभी दोस्त, बहन, भाभी, माँ, जैसा प्यार देती है। किसी भी बुरे वक्त में अकेला नहीं छोड़ती और हमेशा साथ खड़ी रहती है। बीमार होने पर तन मन से सेवा करती है। आपकी आय जितनी हो उसी में परिवार के सभी सदस्यों की आवश्यकता की पूर्ति कर सब को खुश करने की कोशिश करती है।
अक्सर देखा जाता है कि जिन घरों के बेटे काम नहीं करते या जीवन को लेकर गंभीर नहीं होते हैं उनके विषय में अकसर माता- पिता कहते हैं कि इसकी शादी कर दो अपने आप समझदार हो जायोगा, जिम्मेदार हो जायेगा। आप खुद ही सोचिये यदि पत्नी इतनी बुरी होती तो क्या ऐसा कहा जाता।
पत्नी को एक परेशानी के रूप में देखने वालों को शायद सिर्फ पत्नी द्वारा गलत कार्य करने से रोकना -टोकना ही दिखता है और उन्हें पत्नी बुरी लगने लगती है.... यह तो जग जाहिर है कि जो मन की न करने दे वो बुरा हो जाता है!
मैं उन लोगों से कहना चाहती हूं कि पत्नी आपका भला चाहती है इसलिए यदि आप कोई गलत काम करेंगे तो वह आपको रोकेगी टोकेगी। जरा सोचिये इसमें फायदा किसका है आपका ही न तो फिर बुरा क्यों मानना। कड़वी घुट्टी ही रोगों को ठीक भी करती है। यदि आप शादीशुदा हैं तो आप बहुत किस्मत वाले हैं। आपकी देखभाल करने वाला,चिंता करने वाला हमेशा साथ रहने वाला कोई तो है। आप कहेंगे माता-पिता हैं भाई बहन हैं पूरा परिवार है पर माता पिता कब तक साथ रहेंगे। बहन शादी करके ससुराल चली जायेगी। आजकल तो भाई भी कहाँ साथ रहते हैं। फिर आप अकेले रह जायेंगे तब क्या करेंगे।
एक जीवन साथी की अहमियत उनसे पूछिये जो अकेले हैं या जिन्होने अपनी पत्नी को खो दिया या शादी ही नहीं की। वे बीमार होते हैं तो कोई पूछने वाला नहीं होता और समय काटे नहीं कटता। उनके पास कोई हँसने बोलने,ड़ाँटने वाला नहीं होता वे किसी के साथ के लिए तरसते हैं।
मुझे उम्मीद है अब शादीशुदा लोग इस बारे में सोचेंगे और अपने को भाग्यशाली समझेगें। अपने जीवन साथी की अपने जीवन में अहमियत समझकर उनकी बात का बुरा नहीं मानेंगे और सम्मान करेंगे।
कहा भी जाता है जवानी तो कट जाती है पर बुढ़ापे में साथी की बहुत याद आती जब कोई साथ नहीं होता। तब आदमी बहुत पछताता है पर तब तक समय निकल चुका होता है। चिड़िया खेत चुग चुकी होती है।
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