एक दिन सार्थक मम्मी-पापा और साक्षी दीदी के साथ रेस्तरां में गया। वहाँ सार्थक अपना मन पसन्द बर्गर खाते हुए अचानक बोला “ दीदी, आज स्कूल में टीचर भी कह रही थीं कि हम मनुष्य पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम अपना योगदान देकर इसको संरक्षित करें। पर मुझे तो ऐसा कुछ नहीं दिखता, आपको ऐसा लगता है क्या? ”
सार्थक की बात सुनकर, साक्षी बोली, “बिल्कुल,तुम्हारी टीचर सही कह रही थी। सार्थक मैं तो अभी ही बता सकती हूँ कि बर्गर खाते हुए हमने पर्यावरण का कितना नुकसान कर दिया!”
पर सार्थक को अपनी दीदी की बात समझ नहीं आई, वह सोचने लगा कि यहाँ बैठ कर खा लिया, तो इसमें नुकसान कैसा। तब साक्षी ने सार्थक को समझाते हुए कहा- “देखो सार्थक, बर्गर खाने से कोई नुकसान नहीं हुआ; किन्तु तुमने देखा बर्गर गत्ते के बड़े से डब्बे में पैक होकर मिला, जो सीधे प्लेट में भी आ सकता था। हम जो चम्मच प्रयोग में लाते हैं, वह लकड़ी की है और सॉस प्लास्टिक कवर को काटकर निकाला हमने। डिस्पोज़ेबल ग्लास में हमने कॉफी पी। हमने खाया-पिया कम और कचरा ज्यादा इकट्ठा किया। ये सब चीजें किससे बनी थीं?”, साक्षी ने सार्थक की ओर देखते हुए कहा।
अब कहने की बारी सार्थक की थी वह बोला “दीदी , ये डब्बे,ये ग्लास, ये चम्मच सभी पेड़ के पार्ट्स से बनाए गए हैं इसका मतलब हमने पेड़ों को नुकसान पहुँचाया!” माथे पर हाथ रखकर सोचने की मुद्रा में सार्थक बैठ गया। सबका खाना-पीना खत्म हो चुका था। अचानक मम्मी –पापा को हाथ साफ करने के लिए टिशू उठाते देख सार्थक अचानक बोल पड़ा, “मम्मी- पापा, आप लोग टिशू पेपर रख दीजिए।“ उसकी तरफ देखते हुए पापा ने कहा, “क्यों बेटा, हाथ साफ करने हैं न तो…”
सार्थक ने कहा-“तो नल में हाथ धोकर रुमाल से हाथ पोंछिए, टिशू का प्रयोग करके हम फिर से पेड़ों को ही नुकसान पहुँचाएँगे, हम सब थोड़ा कोशिश करेंगे तो देश को फायदा होगा ” कहकर सार्थक वाश बेसिन की ओर बढ़ गया।
हम सभी इस बात को जानते हैं कि हम जाने अनजाने पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे हैं। पर उसके संरक्षण के लिए चाहते हुए भी शायद ज्यादा कुछ कर नही पाते..लेकिन यदि हम सभी सार्थक की तरह बात को समझकर छोटे छोटे प्रयास करें, उन पर अमल करें और औरों को भी करने के लिए प्रेरित करें तो निरन्तर बढ़ रही पर्यावरण की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो जायेगा।
जागो बच्चो, जागो मानव,
यत्न करो कोई ऐसा कि धरती स्वर्ग दिखाई दे।।
करके ऐसा काम दिखा दो…, सुखमय प्यारा-प्यारा, ये संसार दिखाई दे।।
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