अगर आप भीड़-भाड से दूर किसी शांत हिल स्टेशन की तलाश कर रहें हैं खासकर कोरोना महामारी के बाद जमकर मस्ती और ढेर सारा मजा करने के लिए तो मैं आपको एक बेहद खूबसूरत और शांत जगह बता सकती हूँ जहाँ पाइन और सेब के खूबसूरत बगीचे सबका मन मोह लेते हैं और वहां लकडी के बने मंदिर में देवी महाकाली और भगवान शिव विराजमान हैं। वहाँ की हसीन वादियाँ किसी ठहरे हुए वक्त का पता बताती नजर आएगीं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं शिमला जिले में स्थित ब्रिटिश दौर के एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल 'मशोबरा' की।
मशोबरा शिमला शहर से लगभग 12 किलो मीटर दूर,छोटा-सा पहाड़ी शहर है,जो खूबसूरत सम्मोहित करने वाले कुदरती दृश्यों और बर्फीली सर्दियों के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मशोबरा को लॉर्ड डलहौज़ी ने 18वीं सदी में स्थापित किया था।। यह जगह उन ब्रिटिश अधिकारियो की पहली पसंद थी जो ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला के निकट रहना चाहते थे।
मशोबरा समुद्र स्तर से 2500 मीटर की ऊंचाई पर सिंधु और गंगा नदी के तट पर स्थित है और एशिया के सबसे बड़े वाटरशेड के रूप में जाना जाता है।
मशोबरा शहर की खासियत यहाँ होने वाले फल हैं, यह शिमला शहर के फल और सब्जियों के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। यहाँ एक ओर आपको रसीले फलों से लदे पहाड़ी बाग-बगीचे देखने को मिलेंगे ,तो दूसरी ओर पाइन और ओक के खूबसूरत जंगल भी ।
मशोबरा पर्यटन स्थल यहाँ घूमने के साथ कई और भी चीजें देख सकते हैं।जिनमें 'रिजर्व वन अभयारण्य' जो इस क्षेत्र में पाये जाने वाली दुर्लभ वनस्पतियों और जानवरों को संरक्षित किये हुए है। और महासू देवता का मंदिर' महासू' भगवान शिव का स्थानीय नाम है। इन्हीं को समर्पित एक मंदिर है। यहाँ आप स्कींग, पैराग्लाइडिंग ,रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग आदि का लुत्फ उठा सकते हैं।
मशोबरा से दो किलोमीटर दूर कैग्नानो के नाम से मशहूर इटैलियन शैली का विला भी पर्यटकों में मशहूर है। भव्य पेसिडेंशियल रिटीट भवन की सैर भी यादगार रहेगी।यहाँ आसपास के पर्यटन स्थलों में नलडेहरा भी मशहूर है, जिसे भारत का सबसे पुराना गोल्फ कोर्स भी कहाँ जाता है।
इसके अलावा आप मशोबरा के छोटे बाजार से मशरूम का आचार, ताजे फलों का जूस,जैम, स्क्वैश खरीद सकते हैं। बैंडोची में मशहूर अदाकारा वहीदा रहमान का बंगला देख सकते हैं जिसका बगीचा इस इलाके में सबसे खूबसूरत माना है।वहीं सुंदरबन में लेखक और पत्रकार खुशवंत सिंह के भाई गुरूबख्श की सम्पत्ति है जहाँ मचैंट आइवटी की फिल्म ” दि ज्वैल इन दि क्राउन ” की शूटिंग हुई थी। सन् 1914-18 के युद्ध में शहीद हुए सैनिको को समर्पित सेंट क्रिस्पिन्स चर्च भी देख सकते हैं।
यहाँ का खास महासू मेला यहाँ गमी में होने वाला महासू मेला भी विशेष आकर्षण है। यह यहाँ का एक लोकप्रिय त्योहार है जो 'महासू जटारा ' के रूप में जाना जाता है यह त्योहार गाँव के मुख्य देवता, भगवान महासू के सम्मान में मनाया जाता है। दो दिन तक चलने वाला यह त्योहार प्रत्येक वर्ष मई महीने के तीसरे मंगलवार को दुर्गा देवी मंदिर के सामने मनाया जाता है।
मशोबरा कैसे जाएं यहाँ हवाई मार्ग, सड़क व रेल मार्ग किसी से भी पहुचाँ जा सकता है।
हवाई मार्ग द्वारा मशोबरा जाने के लिए शिमला के मुब्बार हट्टी हवाई अड्डे पर उतरें। यहाँ से मशोबरा 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहाँ किराए की टैक्सी से आगे जा सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा मशोबरा जाने की सोच रहे हैं तो नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका है जो यहाँ से 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से मशोबरा आने जाने के लिए बस व टेक्सीयो की व्यवस्था है।
सडक मार्ग द्वारा आप मशोबरा अपने वाहन से जाना चाहते हैं तो दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग 1 पर चलकर अंबाला से कालका होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 22 से होते हुए शिमला पहुँचे। शिमला से 8 किलोमीटर दूर छल्ली जाए और छल्ली से मशोबरा 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
कहाँ ठहरें- मशोबरा में रहने के लिए रिसॉर्ट से लेकर होम स्टे तक की सर्विस उपलब्ध है।यहाँ खाने- पीने की सब सुविधा है।अपने बजट के अन्दर ही खाने व रहने का अच्छा इंतजाम हो जाता है।
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