हिंदी है भारत की भाषा, हिंदी भारत की रानी
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
आओ हिन्दी भाषा की तुमको पहचान कराये,
अपनाकर इसे हम अपना, जीवन सफल बनाएं ।।
हिंदी नहीं किसी की दासी,
हिंदी है गंगा का पानी,
हिंदी है भारत की भाषा,
हिंदी भारत की रानी ।।
हिन्दी शक्ति रूप है, कर लो इसको
नमन,
शिव से इसे चन्द्र मिला, ओम नाम
उच्चारण ।।
ब्रह्माजी के वेदों में जब संस्कृत
उच्चारण आया,
हिन्दी के साथ मिलकर सुन्दर शब्द
बनाया
वेद पुराण गीता पढ़, सब प्राणी जीवन सुखद बनाया ।।
भारत में ही जन्मी हिंदी, भरत मे
परवान चढ़ी
भारत इसका घर आंगन है, नहीं किसी से
कभी लड़ी ।।
बिन्दी लगा आदर्श बनी, यूँ भारत देश
की नारी
पूरा देश अपनाए इसको हुई अंग्रेजों
पे ये भारी ।।
सबको गले लगाकर चलती, करती सबकी
अगवानी
याचक नहीं,नहीं है आश्रित, सदा
सनातन अवढर दानी ।।
खेतों खलियानों की बोली, आंगन-आंगन
की रंगोली
सत्यम्-शिवम्- सरलतम्-सुन्दर, पूजा
की यह चंदन रोली ।।
जनम-जनम जन-जन की भाषा, कण-कण की
वाणी कल्याणी
भूख नहीं है इसे राज की, प्यास नहीं
है इसे ताज की
करती आठों पहर तपस्या, रचना करती नव समाज की ।।
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें