शायद ही आज के समय में किसी बच्चे ने 'माँ के पल्लू' का जादू महसूस किया होगा क्योंकि आजकल कई कारणों के चलते साड़ी नहीं पहनी जाती। लेकिन माँ का वो 'जादुई' पल्लू खुद में इतने एहसास समेटे रखता है जिनकी गिनती भी नहीं की जा सकती!
- माँ का स्थान कोई नहीं ले सकता लेकिन 'माँ का पल्लू' माँ को और एक गरिमामयी छवि प्रदान कर देता है।
- 'माँ का पल्लू' गरम बर्तन को चूल्हे से हटाते समय बर्तन को पकड़ने के काम आता है।
- 'माँ का पल्लू' एक खुली किताब है जिस पर ना जाने कितनी ही कहानियां लिखी जा सकती हैं।
- पल्लू नई नवेली दुल्हन के श्रृंगार के साथ लज्जा का इज़हार हैं।
- 'माँ का पल्लू' बच्चों का पसीना और आँसू पोंछने का साधन है तो माँ के लिए अपने बच्चे के गंदे कानों और मुंह की सफाई का जरिया!
- 'माँ का पल्लू' उसका अपना तौलिया है।
- खाना खाने के बाद 'माँ का पल्लू' से हाथ मुंह साफ करने का अपना ही आनंद होता है।
- कभी आँख मे दर्द होने पर 'माँ का पल्लू' का गोल बनाकर, फूँक मारकर, गरम करके आँख में लगा देतीं है , सभी दर्द उसी समय गायब हो जाते हैं।
- माँ की गोद मे सोने वाले बच्चों के लिए उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू चादर का काम करता है।
- जब भी कोई अंजान घर पर आता तो बच्चा माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता है।
- जब भी बच्चे को किसी बात पर शर्म आती, वो पल्लू से अपना मुँह ढंक कर छुप जाता है।
- जब बच्चों को बाहर जाना होता है तब माँ का पल्लू एक मार्गदर्शक का काम करता है। जब तक बच्चे ने 'माँ का पल्लू' हाथ मे थाम रखा होता है तो सारी कायनात उसकी मुट्ठी में होती है।
- जब मौसम ठंडा होता है तो 'माँ का पल्लू' ठंड से बचाने के काम आता है!
- जब बारिश होती है तो 'माँ अपने पल्लू' हमें ढ़क लेता है।
- 'माँ का पल्लू' एप्रन का काम भी करता है। पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले जामुन और मीठे फल, सुगंधित फूलों को लाने के लिए किया जाता है। सब्जी भी पल्लू में रखकर सुरक्षित महसूस होती है।
- 'माँ का पल्लू' घर मे रखे समान से धूल हटाने मे भी बहुत सहायक होता है।
- 'माँ का पल्लू' एक चलती - फिरती तिजोरी होती है जिसमें बंधी गांठ बैंक का काम करती है।
- कभी कोई वस्तु गुम जाए तो एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर निश्चित हो जाते हैं कि जल्द ही मिल जाएगी।
- पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी संकलित किया जाता है।
विज्ञान कितनी भी तरक्की कर ले पल्लू का विकल्प फिर भी नहीं ढूंढ पायेगा! 'माँ का पल्लू' कुछ और नहीं बल्कि एक जादुई एहसास है। ये पुरानी पीढ़ी से संबंध रखता हैं, और अपनी माँ के प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ से शायद गायब है।
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