बिजली आज प्रत्येक व्यक्ति के आम जीवन की अत्यंत महत्तवपूर्ण आवश्यकता बन गयी है। बिजली के अभाव में अब जीवन व्यतीत करना असंभव सा प्रतीत होता है क्योंकि बिजली की सुलभता ने जीवन को अत्यंत आरामदायक बना दिया है।
बिजली की उपयोगिता व सुलभता का लाभ गृहिणियों को विशेष रूप से मिला है, क्योंकि गृहस्थी के छोटे से छोटे काम भी आज बिजली पर निर्भर हैं, चाहें रोटीमेकर से रोटी बनाने का हो या फिर वाशिंग मशीन से कपड़े धोने का, वैक्यूम क्लीनर से घरेलू सफाई करने का हो या फिर हेयर ड्रायर से बालों की स्टाईलिंग करने का।
परंतु घरेलू खर्च का एक बड़ा हिस्सा बनने के साथ ही बिजली का बढ़ता उपयोग देश के सीमित ऊर्जा संसाधनों पर जरूरत से ज्यादा बोझ डाल रहा है जिसके परिणामस्वरूप बिजली बनाने के लिये प्रयुक्त होने वाले ऊर्जा स्त्रोतों के शीघ्र ही समाप्त होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
यदि आँकड़ों पर विश्वास किया जाये तो माना जा रहा है कि बिजली के मुख्य स्त्रोत के रूप में प्रयोग होने वाला कोयला केवल आने वाले 150 वर्ष तक ही चल पायेगा जबकि पेट्रोलियम उत्पाद तो मात्र 40-45 साल तक ही चलने वाले हैं। यदि ऐसा सच में हुआ तो हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य निःसंदेह अंधेरे में है।
यही कारण है कि आज पूरे विश्व में उर्जा संरक्षण की माँग उठ रही है ताकि आने वाली पीढ़ियों को ऊर्जा संकट का सामना न करना पड़े। परंतु दुर्भाग्य है कि अधिकांश लोग बिजली का उपयोग कम परंतु दुरूपयोग व अपव्यय अधिक करते हैं क्योंकि धन संपन्न लोग बिजली को कुछ रूपयों का मासिक बिल देकर खरीदी जा सकने वाली वस्तु मात्र समझते हैं।
वे इस वास्तविकता से अनभिज्ञ होते हैं कि बिजली के उत्पादन से लेकर वितरण तक की संपूर्ण प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है। इस जटिल प्रक्रिया और इसके कारण प्राकृतिक संसाधनों के होते दोहन के आगे उनके द्वारा दिए जाने वाले मासिक बिल की कोई अहमियत नहीं होती।
नीचे लिखी कुछ छोटी–छोटी बातों को अमल में लाकर हम गृहणियाँ लगभग 50 प्रतिशत बिजली की बचत करने के साथ-साथ अपने मासिक खर्च में कटौती कर सकते हैं और साथ ही ऊर्जा संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
इन आसान से उपायों को अपनाने से हमारे काम और दक्षता पर तो कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा पर राष्ट्रहित में ऊर्जा की काफी बचत होगीः
1. कपड़े इस्त्री करने के लिए कपड़ों को एकत्र कर सीधा करके रख लें तथा ऑटोमैटिक प्रेस का ही इस्तेमाल करें।
2. कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन रोज न चलायें। 2-3 दिन के कपड़े एकत्र करके धोयें। मशीन में आवश्यकता से अधिक कपड़े न भरें।
3. रेफ्रिजेटर को कम नंबर पर ही चलाएं।
4. गीजर के थर्मोस्टेट को जितना हो सके उतने कम स्तर पर सैट करें।
5. यदि फ्रिज के फ्रीजर में बर्फ ½ इंच से अधिक मोटी जम गयी है तो फ्रिज को डी-फ्रॉस्ट करें।
6. केवल आवश्यकता पड़ने पर ही विद्युत उपकरणों व बल्व आदि का प्रयोग करें। सुबह के समय बल्ब बंद कर दें। यदि संभव हो तो बल्ब के स्थान पर सी.एफ.एल. का इस्तेमाल करें।
7. प्रेस जैसे भारी लोड को प्रयोग करने के समय ही मेंस से जोड़ें। उन्हें व्यर्थ में मेंस से न जुड़ा रहने दें।
8. जहाँ तक संभव हो सके, ट्यूब लाइट का प्रयोग करें। 40 वाट की ट्यूब 200 वाट के बल्ब के बराबर प्रकाश देती है।
9. घर में फ्रिज को बार-बार न खोलें तथा बहुत गर्म वस्तु फ्रिज में न रखें इससे ऊर्जा की हानि होती है।
10. मिक्सी को 2 मिनट से अधिक न चलाएं। लाइट चली जाने पर उसे बन्द कर दें।
11. पानी का पम्प चलाने वाली मोटर को कभी भी कम वोल्टेज पर न चलायें।
12. 1000 वाट से अधिक का हीटर प्रयोग में न करें। 1500 वाट का हीटर प्रयोग करने से बहुत अधिक ऊर्जा बर्बाद होती है।
13. यदि घर में 3 फेस मशीन का प्रयोग कर रहे हैं, तो बिना स्टार्टर के उसे न चलायें।
14. यदि टी.वी. न देख रहे हों तो उसे बंद कर दें ।
15. कमरे से बाहर जाते समय लाइट, पंखे इत्यादि के स्विच बन्द करने की आदत डालें।
16. यदि घर में एयरकंडीशंर लगा हो तो सुनिश्निचत कर लें कि कमरे में कोई लीकेज न हो।
17. अच्छे और आईएसआई प्रमाणित गैजेट ही खरीदें। सस्ते और घटिया गैजेट अधिक ऊर्जा की खपत करते हैं। कुशल व्यवहार के साथ दक्ष उपकरणों का उपयोग करने से ऊर्जा लागत में 20-30% की बचत हो सकती है।
18. ट्यूब लाईट, बल्ब, सी.एफ.एल. इत्यादि पर जमी हुई धूल को नियमित रूप से साफ करें।
19. ट्यूब लाईट, बल्ब, सी.एफ.एल. इत्यादि ऐसी जगह लगाएँ जहाँ प्रकाश के आने में रूकावट न हो।
हम सभी को बिजली के महत्व को समझते हुए उसका उपयोग केवल आवश्यकतानुसार ही करना चाहिए। हमें इस बात का सदा ध्यान रखना चाहिए कि हम जितनी बिजली की बचत करते हैं उतनी ही बिजली अप्रत्यक्ष रूप से हमारे द्वारा उत्पादित की जा रही है।
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