सब फलों का राजा है आम,
सब लोगों को भाता है आम
कोयल इसमें मीठी बोली घोले, इसलिए है इतना मीठा आम
गर्मी का पर्याय आम है ये कहना अतिश्योक्ति नहीं
होगी....गर्मी का मौसम हो और उसमे आम की बात
ना हो ऐसा हो नहीं सकता। भारत दुनिया में आमों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और
यह देश का राष्ट्रीय फल भी है। भारत का आम अपनी मिठास, समृद्धि और स्वाद के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं।
भारत में आम की
एक से बढ़ कर एक किस्में हैं जिसमें हर एक का अपना एक अनोखा स्वाद और विभिन्न फायदे
हैं..तो चलिए जानते हैं आमों के कुछ मुख्य प्रकारों के बारे में-
अलफांसो –
यह मिठास और स्वाद के मामले में भारत
में पाए जाने वाले आम की सबसे अच्छी किस्मों में से एक है और यह भारत में सबसे महंगे
आमों में गिना जाता
है। जिसे ‘हाफुस’ के नाम से भी जाना जाता है। यह सुनहरे रंग का पौष्टिक आम होता है।
इसकी पैदावार महाराष्ट्र के रत्नागिरी, रायगढ़
व कोंकण क्षेत्र में बहुतायत में होती है।
बदामी –
इसे ‘कर्नाटक का अलफांसो’ भी कहा जाता है,
क्योंकि यह स्वाद और देखने में महाराष्ट्र के रत्नागिरी के
अलफांसो आम के समान ही होता है।
चौंसा –
चौंसा उत्तर भारत में उगाए जाने वाला
स्वाद में सबसे मीठा और सुनहरे पीले रंग का
होता है। जिसे पहली बार मलीहाबाद तहसील के चैसा गांव में लोगों ने चखा और इसका नाम ‘समरबहिश्त चैसा’ रख दिया। यह आमतौर पर गर्मी के
मौसम के अंत में उपलब्ध होता है।
केसर –
गुजरात का जूनागढ़ क्षेत्र केसर आमों के
लिए काफी मशहूर है। इसे ‘गिर केसर’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह किस्म जूनागढ़ और अमरेली जिलों
में गिरनार की तलहटी में उगाई जाती है। यह आम अपने स्वाद व केसर की खुशबू के लिए जाना
जाता है। यदि आप आमरस के शौकीन हैं, तो इसके लिए यह आम सबसे
उपयुक्त होता है।
लंगड़ा –
यह आम मूल रूप से वाराणसी,
उत्तर प्रदेश से है। इस किस्म के आम का पहला पेड़ बनारस में एक
लंगड़े फकीर बाबा के घर के पिछवाड़े में उगा था और वहीं से चारों ओर फैला इसलिए इसे
लंगड़ा आम कहा जाता है। यह आम पीले-हरे रंग
का और अंडाकार होता है। यह भारत में सबसे लोकप्रिय आमों में से एक है।
मुल्गोबा
-
यह तमिलनाडु राज्य और दक्षिण भारत के
अन्य हिस्सों में उगाए जाने वाले सबसे अच्छे आम में से एक है । मुल्गोबा को
"दक्षिण भारत का अलफांसो" कहा जाता है।
नीलम -
यह भारत के कई क्षेत्रों में पाया
जाता है। यह आम हैदराबाद में सबसे अधिक पसंद किया जाता है। इसके अलबेले स्वाद,
खुशबू और गुणों के कारण ही इसे सभी फलों में सिरमौर माना गया है।
यह दूसरे आमों की तुलना में छोटा होता है और इसका रंग ऑरेंज होता है और आमतौर पर
जून में बहुतायत में पाया जाता है।
रसपुरी –
रसपुरी आम कर्नाटक में मिलता है। यह
बनावट में अंडाकार होता है।अपने उत्कृष्ट
स्वाद के कारण इसे ‘आम की रानी’ भी कहा जाता है।
हिमसागर –
यह एक पीले रंग का फाइबर रहित क्रीमी आम
होता है,
जो कि मिठार्इयॉ व पेय पदार्थ बनाने के लिए उपयुक्त है। इसकी पैदावार
मुख्यत: बंगाल के मुर्शिदाबाद क्षेत्र में होती है। यह बहुत ही कम समय के लिये उपलब्ध
होता है।
तोतापुरी
–
यह आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडू में पाया जाने वाली मुख्य किस्म है। इसकी तोते की
चोंच जैसी टिप होने के कारण इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। यह स्वाद में बहुत मीठा नहीं होता पर यह सलाद, अचार व पेयपदार्थ बनाने के लिये
उपयुक्त माना जाता है।
बेनिशान आम –
आम के राजा के नाम से विख्यात, यह बेनिशान आम आंध्र
प्रदेश से है। यह आम आकर में बड़ा होता है
एवं इसका वजन
३५०-४०० ग्राम तक होता है ।
दशहरी –
यह आम उत्तर प्रदेश में लखनऊ के पास
मलीहाबाद के दशहरी गाँव में पैदा हुआ था। यह भारत में आम की सबसे पुरानी और सबसे
लोकप्रिय किस्मों में से एक है। जिसकी मिठास आपको एक बार में २-३ आम खाने पर मजबूर
कर ही देती है..। साधारण बोल-चाल में इसे चूसने वाला आम भी कहा जाता है।
बंगपाली या सफ़ेदा-
इस आम की पैदावार मुख्य रुप से आंध्र प्रदेश
में होती है। यह फाइबर रहित, तिरछे ओवल शेप
का पीले रंग का आम होता है। इसका छिलका काफी पतला होता और यह स्वाद में हल्का-सा खट्टा
भी होता है।
अब तो आमों की विविध किस्मों और उनकी विशेषता जानकर आप सभी के मुँह में पानी आ
रहा होगा तो देर किस बात की है गर्मियों में फलों के राजा आम के अद्भुत स्वाद का
भरपूर आन्नद उठायें।
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