हिन्दी - भाषा नहीं एक भावना

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भारत की प्यारी भाषा है हिन्दी, जग में सबसे न्यारी भाषा है हिंदी! जन-जन की भाषा है हिंदी, हिन्द को एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा है हिंदी! कालजयी जीवनरेखा है हिंदी, जीवन की परिभाषा है हिंदी!  हिंदी की बुलंद ललकार से थी हमने आज़ादी पाई, हर देशवासी की थी इसमें भावना समाई! इसके मीठे बोलों में है ऐसी शक्ति, अपने ही नहीं, परायों को भी अपना कर लेती! हर भाषा को अपनी सखी-सहेली है मानती, ऐसी है हमारी अनूठी अलबेली हिंदी!   संस्कृत से निकलती है हिंदी की धारा, भारतेंदु जयशंकर ने इसे दुलारा! जहाँ निराला महादेवी ने इसको सँवारा, वहीं दिनकर और सुभद्रा ने इसको निखारा! ऐसे महापुरुषों की प्यारी है हिंदी, हिन्द का गुरूर है हिंदी!   विडम्बना है कि हिंदी को राष्ट्र धरोहर मानते हैं, फिर भी लोग हिंदी बोलने में सकुचाते हैं! वैदिक काल से चली आ रही भाषा को छोड़, विदेशी भाषा बोलने में अपनी झूठी शान मानते हैं! पर आज तो विदेशी भी ‘हरे रामा-हरे कृष्णा’ बोलकर, हिंदी संस्कृति के रंगों में रंग जाते हैं!   तत्सम, तद्भव, देशी-विदेशी सभी रंगों को अपनाती, जैसे भी बोलो यह मधुर ध्वनी सी हर के मन में बस जाती। जहाँ कुछ भाषाओं के

स्वाधीनता की महत्ता याद दिलाता...15 अगस्त


इस साल भारत का 72 वाँ स्वतंत्रता दिवस बुधवार, 15 अगस्त 2018  को पूरे भारतवर्ष  के लोगों द्वारा  मनाया गया 15 अगस्त का दिन भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।  यह दिन भारतवासियों के लिए बहुत खास है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को वर्षों की गुलामी के बाद ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी मिली थी। हम हर वर्ष यह दिवस अपनी स्वाधीनता की खुशी तथा उन वीरों को याद करने के लिए मानते हैं जिन्होंने देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की आहुति दे दी।

यह भारत का राष्ट्रीय पर्व है इसलिए इस दिन सभी राष्ट्रीय, राज्य तथा स्थानीय सरकार के कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, बाजार, दुकानें, व्यापार, संस्थान आदि बंद रहते हैं। इसे बहुत उत्साह के साथ भारत की राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है। यह स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक समुदाय तथा समाज सहित दूसरे शिक्षण संस्थानों में भी मनाया जाता है। इस दिन लोगों में एक विशेष उत्साह देखने को मिलता है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर देश के प्रथम नागरिक और देश के राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संबोधन देते है।

इसके बाद अगले दिन दिल्‍ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। साथ ही इसे 21 तोपों की सलामी दी जाती है और सभी लोग राष्ट्रगान गाते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। आयोजन के बाद स्कूली छात्र तथा राष्ट्रीय कैडेट कोर के सदस्य राष्ट्र गान गाते हैं। लाल किले में आयोजित देशभक्ति से ओतप्रोत इस रंगारंग कार्यक्रम को देश के सार्वजनिक प्रसारण सेवा दूरदर्शन द्वारा देशभर में लाइव प्रसारित किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर राष्ट्रीय राजधानी तथा सभी शासकीय भवनों को रंग बिरंग विद्युत सज्जा से सजाया जाता है, जो शाम का सबसे आकर्षक आयोजन होता है। 
स्वतंत्रता दिवस सभी स्कूलों, कॉलेज और विभिन्न संस्थाओ में बड़े ही उत्साह के साथ मानया जाता है। इस दिन झंडा फहराया जाता है। मिठाई बाँटी जाती है तथा स्कूल में बच्चे अनेक प्रकार के संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। 

इस अवसर पर पंतग उडाने का भी आयोजन किया जाता है, जो स्‍वतंत्रता की भावना का प्रतीक माना जाता है। आसमान में हजारों रंग बिरंगी पतंगें देखी जा सकती हैं, इसमें कुछ पतंगें तिरंगे के रंग की भी होती हैं जो भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करती हैं। ये चमकदार पतंगें इस खास दिन आपको हर भारतीय के घर की छतों और मैदानों में देखने को मिल जायेंगी।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज भी अपने मे खास है। यह तिरंगा तीन रंगों की पट्टियों से मिलकर बना है, हर रंग का अपना एक विशेष महत्व है। राष्‍ट्रीय ध्‍वज में सबसे पहले केसरिया रंग है जोकि भारत देश की शक्ति और साहस को प्रदर्शित करता है। ध्वज के बीच में सफ़ेद रंग है जो शांति और सत्य को दर्शाता है तथा सफ़ेद रंग के ऊपर एक अशोक चक्र बना है जिसको विधि का चक्र भी कहते हैं जो सारनाथ के शेर के स्तम्भ से लिया गया है, जिसका निर्माण अशोक ने करवाया था। इसमें 24 तीलियाँ हैं जो नीले रंग की हैं। सबसे नीचे हरा रंग है जो समृद्धि और भूमि की पवित्रता को प्रतीक है।

इतिहास

1757 ई. की प्लासी की लड़ाई और 1764 ई. का बक्सर का युद्ध भारतीयों द्वारा हार जाने के बाद अंग्रेजों ने बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी के माध्यम से अपना शासन स्थापित कर लिया था। 1857 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ मेरठ में एक बहुत बड़ी स्वतंत्रता क्रांति की शुरुआत हुई। उस गदर को महान गदर कहा जाता है।
1858 ई. में भारत का शासन कंपनी के हाथो से छिनकर ब्रिटिश क्राउन अर्थात ब्रिटेन की राजशाही के हाथों में आ गया। इसके अतिरिक्त महात्मा गाँधी द्वारा अहिंसक आन्दोलन यानि सविनय अवज्ञान्दोलन की शुरुआत हुई थी। इस बीच भारतीय जनता धीरे-धीरे अपना विकास कर रही थी और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (आई० एन० सी०) का गठन हुआ।

 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 1929 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1947 में ब्रिटिश सरकार को लगने लगा कि वो लंबे समय तक भारत में नहीं रह पाएंगे और तब अंग्रेजों ने भारत को मुक्त करने का फैसला किया हालाँकि भारत की आजादी के बाद हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए जिसने भारत और पाकिस्तान को अलग कर दिया। मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरु आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री। 

15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि, जवाहर लाल नेहरु ने भारत को स्वतंत्र देश घोषित किया जहाँ उन्होंने “ट्रायस्ट ओवर डेस्टिनी” भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि “बहुत साल पहले हमने भाग्यवधु से प्रतिज्ञा की थी और अब समय आ गया है जब हम अपने वादे को पूरा करेंगे, ना ही पूर्णतया या पूरी मात्रा में बल्कि बहुत मजबूती से। मध्यरात्री घंटे के स्पर्श पर जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और आजादी के लिये जागेगा। एक पल आयेगा, जो आयेगा, लेकिन इतिहास में कभी कभार, जब हम पुराने से नए की ओर बढ़ते हैं, जब उम्र खत्म हो जाती है और राष्ट्र की आत्मा जो लंबे समय से दवायी गयी थी उसको अभिव्यक्ति मिल गयी है। आज हमने अपने दुर्भाग्य को समाप्त कर दिया और भारत ने खुद को फिर से खोजा”।

इसके बाद, असेंबली सदस्यों ने पूरी निष्ठा से देश को अपनी सेवाएँ देने के लिये कसम खायी। भारतीय महिलाओं के समूह द्वारा असेंबली को आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय ध्वज प्रस्तुत किया गया था।
अतंत: हम इस दिन को केवल एक छुट्टी का दिन न मानकर देशहित में कुछ अच्छे कार्य करे ताकि देश प्रगति कर सके क्योंकि देश की उन्नति में ही सभी की समृद्धि निहीत है। भारत का नागरिक होने के नाते देश की एकता और अखंडता को बनाये रखना हम सब का कर्तव्य है और उन सभी  शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

आजादी की वर्षगांठ की ,छटा निराली बढ़ती जाए
खुशहाली के फूल हों बिखरे,खुश्बू से चमन महकाएं
आओ आज़ादी दिवस मनाएं, आओ आज़ादी दिवस मनाएं

स्वंत्रता दिवस की शुभकामनाएं......
जय हिन्द

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