त्योहारों
का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व है। वास्तव में त्योहार कुछ रस्मों का नाम नहीं,
बल्कि उस खुशी और उल्लास का नाम है जो हमें तमाम दुख-तकलीफों और निराशाओं के बीच
जीने का उत्साह देते हैं और एक नई ऊर्जा से भर देते हैं। दैनिक जीवन के झंझावातों
से उलझते इंसान को त्यौहारों के बहाने अपनी परेशानियों को कुछ समय तक भूलने का
मौका मिल जाता है। अतः ऐसे में यह अपरिहार्य हो जाता है कि त्यौहारों को पूरे जोश
और उल्लास के साथ मनाया जाये जिससे ये हमारे जीवन में अपनी खुशबू एक लंबे समय के
लिये छोड़ जायें।
त्योहारों
का इंतजार बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी समान रूप से करते हैं। कोई भी त्योहार आने वाला
हो, चाहें दशहरा हो या दीपावली, रक्षाबंधन हो या होली, घर में उत्सव का सा वातावरण
बन ही जाता है। त्यौहारों के मौसम में महिलाओं की व्यस्तताएँ भी बढ़ जाती हैं। घर
की महिलाएँ शायद पूरे वर्ष घर के काम-काज में इतनी व्यस्त नहीं रहती जितनी कि इन
दिनों हो जाती हैं। पूरे घर की सफाई करना, पहनने के कपड़ो से लेकर चादर-कुशन तक की
खरीददारी करना, रसोई में बनाए जाने वाले नए-नए पकवान बनाना जैसे अनेकों ऐसे काम हैं
जिनको त्योहार से पहले ही पूरा करने की योजना बनाई जाती है। परन्तु कई बार ऐसा हो
जाता है कि त्योहार के दिन तक भी कामों की लिस्ट पूरी ही नहीं होती। ऐसी परिस्थिति
पैदा होने पर त्यौहार उल्लास का माहौल देने के बजाय कभी-कभी अवसाद की स्थिति पैदा
करके चले जाते हैं। यदि समझदारी से काम लिया जाये और योजनाबद्ध तरीके से टाइम
मैनेजमेंट करके काम किया जाये तो ऐसी स्थिति पैदा होने से बचा जा सकता है और त्योहारों
का आनन्द दूना किया जा सकता है। नीचे ऐसे कुछ काम हैं जो आमतौर पर हर घर में
त्यौहारों के मौके पर किये जाने होते हैं। आप भी इनको योजनाबद्ध तरीके से समय रहते
पूरा कर लें तो त्यौहारों की मिठास आपके और आपके परिवार के लोगों के जीवन में लंबे
समय तक बनी रहेगी-
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त्यौहार
के समय में घर की विशेष सफाई करना एक आवश्यक काम है। यदि आप त्यौहार के एकदम नजदीक
आने पर सफाई की सोचेंगी, जिससे पूरा घर चमचमाता रहे तो इससे थकान भी ज्यादा होगी
और हो सकता है कि आपको ठीक से सफाई करने का समय भी न मिले। इसलिए घर की सफाई का
काम धीरे-धीरे योजना बनाकर करती रहें, जैसे, स्टोर, दुछत्तियों और रोज-रोज काम में
न आने वाली चीजों की सफाई पहले ही कर लें।
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घर
में रंगाई-पेंट कराने का विचार हो तो त्यौहार से 20-25 दिन पहले ही रंगाई और पेंट
शुरू करवा दें ताकि कार्य समय से समाप्त हो जाए। कुछ रिपेयरिंग का काम आवश्यक हो
तो वह भी साथ-साथ ही करवा लें।
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अखबारों
की रद्दी, घर की टूटी-फूटी पुरानी चीजें, उपयोग में न आने वाले पुराने कपड़े अपने
यहाँ काम करने वालों को दे दें। इससे न केवल घर से कूड़ा-करकट निकल जाएगा बल्कि
नकारात्मक ऊर्जा का विनाश हो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
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सफाई
करने में घर के अन्य सदस्यों का भी सहयोग लें। बच्चों को अपने कमरे के कपबॉर्ड,
बुक रैक आदि साफ करने को कहें। भारी सामान को रखने-उतारने आदि कामों में पतिदेव की
मदद लें। इस तरह से काम भी जल्दी हो जाएगा और समय की बचत होगी।
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घर
के किस सदस्य के लिए कौन सी ड्रेस लेनी है, रेडीमेड लेनी है या कपड़ा लेकर सिलवाना
है, इन सब बातों की योजना एक महीने पहले ही बना लें। त्यौहार के समय एक तो काम
ज्यादा और टाइम कम होता है, दूसरा बाजार में भीड़ बहुत हो जाती है।
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पूजा
का सामान भी त्योहार से एक- दो दिन पहले ही खरीद लें इससे समय और धन दोनों की बचत
होगी।
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त्यौहार
में खाने के लिए घर पर बनाए जाने वाले व बाजार से लाई जाने वाली चीजों की लिस्ट
बना लें। साथ ही त्यौहार में घर पर बनाया जाने वाला सूखा नाश्ता 2-3 दिन पहले बना
लें।
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अगर
त्यौहार में किसी दोस्त या नजदीकी रिश्तेदार के आने का प्रोग्राम हो तो उनसे बात
करके सुनिश्चत कर लें कि उनका कितने दिन का प्रोग्राम है और उन्हे कहाँ-कहाँ जाना
है। उसी के अनुसार आप अपनी भी प्लानिंग कर सकती हैं। इससे आप को भी सुविधा होगी।
इस
प्रकार त्यौहार के दिन ज्यादा काम करने की कोशिश न करें। इससे अनावश्यक तनाव हो
सकता है
और त्यौहार की खुशियों में ग्रहण लग
सकता है। त्यौहार हमारी जिंदगी में खुशियाँ भरने के लिए आते हैं, न कि हमें
तनावग्रस्त करने के लिये।
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