निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है!!
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नंगे पांव रेड कार्पेट पर गरीब आया है!
निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है!
अभी तक बन्द थे दरवाजे सत्ता के शीश महलों के!
आज एक आदिवासी आया है राष्ट्रपति भवन बिना चप्पलों के।।
गरीब आदिवासी महिला के समक्ष प्रधानमंत्री ने शीश नवाया है!
निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है।।
एसी कमरों में बैठकर बुद्धिजीवी मज़दूर का दर्द लिखता था!
बादाम चबाकर भूख पर लिखने वालो को पुरुस्कार मिलता था।।
बस स्टेंड पर संतरे बेचने वाले ने भी पद्म श्री सम्मान पाया है!
निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है।।
गरीब किसान के दर्द का सब रोना रोते थे!
किसान हित की योजनाओ पर अफ़सर तकिया लगाकर सोते थे।।
आज किसान निधि में सीधे किसानों के खाते में पैसा आया है!
निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है।।
बॉर्डर पर दुश्मन भेड़ियो के हाथों जवानों के सिर कट जाते थे!
और हम संयुक्त राष्ट्र संघ में शांति की रट लगाते थे।।
आज अभिनन्दन को सर झुकाकर पाक ने वापस लौटाया है!
निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है।।
विदेशी सम्मेलनों के मंच पर हमारे पैर उखड़ जाते थे!
संयुक्त राष्ट्र में हम पुर्तगाल का भाषण पढ़ आते थे।।
आज अमेरिका रूस ने भी भारत के आगे सिर झुकाया है!
निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है।।
हर दिवाली बॉर्डर पर खड़ा सिपाही खुद को अकेला पाता है!
आज प्रधानमंत्री खुद दिवाली मनाने बॉर्डर पर जाता हैं।।
प्रधानमंत्री के साथ दिवाली मनाकर सैनिकों का दिल मुस्कुराया है!
निश्चित ही मेरे देश में बदलाव आया है।।
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