बस, एक घंटा खुद के लिए !!!
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तुम उड़ो! तुम आनंद मनाओ!
तुम मस्ती करो! खुद को lively रखो!
थोड़ी बहुत चीटिंग भी करो!
सिर्फ परिवार,पति और बच्चों का, मत सोचो अपने बारे में सोचना सीखो!
घर की देखभाल करती हो न ? अब खुद की भी करो!
तुम्हारे भीतर एक नटखट, खुशमिजाज लड़की छुपी हुई है जी उसकी तारीफ करो।
अधिक नहीं, लेकिन दिन का एक घंटा खुद के लिए रखो
और उस एक घंटे में, जो तुम्हें अच्छा लगता है, वो करो।
तुम्हारे भीतर जो लड़की है न,
उसे कभी कभी गलती करना भी
अच्छा लगता है, तो करो।
कोई फर्क नहीं पड़ता, हर कोई अपने हिसाब से,
खुशियां ढूंढ़ रहा है, फिर तुम क्यों पीछे रहो
जीवन में खुशियाँ ढूँढो, जरूर मिलेंगी, बस अपने भीतर की लड़की को.. मस्ती को अपने साथ रखो।😊
सखियाँ बनाओ, खुद को व्यक्त करो। कभी- कभी उस डायट चार्ट को,
बाजू में रख दो, मस्त बटर 🧀🍞🍟मस्तानी खाओ।
हो जाने दो जरा इधर उधर, कोई फर्क नहीं पड़ता।
लोग क्या सोचेंगे..my foot
बच्चों को कम मार्क्स आए कभी,
तो जाने दो ना।
उम्र हो गई है...अब क्या रखा है इसमें...
ऐंसे शब्द कभी मत बोलो,
क्योंकि उम्र तो एक संख्या ही है जी।
खूब किया सबके लिए, अब निकालो समय खुद के लिए।
तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान देख, यकीन है मुझे,
सारा घर हँसेगा जी।
घर की स्त्री खुश तो, सारा घर आनंदमय।
सुनो मेरी बात।
बस, एक घंटा खुद के लिए !!!
मन में कोई शंका मत रखो
एक बात याद रखना ..तुम खुश नहीं रहोगी तो घर को कैसे खुश रख पाओगी
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